वैदिक यज्ञ संस्कार

Authors

  • विवेक मिश्रा Author

Keywords:

वैदिक, यज्ञ संस्कार, सूक्ष्मवाद सिद्धांत

Abstract

            यज्ञ मे द्रव्य विधिवत अग्नि मे होमकर उसे सूक्ष्म रूप से परिणित किया जाता है। अग्नि मे डाली हुई वस्तु का स्थलांश भस्म रूप पृथ्वी पर रह जाता है। स्थूल सूक्ष्म उभय-मिश्रित भाग धूम्र बनकर अंतरिक्ष में व्याप्त हो जाता है, जो अंततोगत्वा मेघरूप में परिणत होकर धूलोकस्थ देवगण को परितृत्त करता है। स्थल-सूक्ष्मवाद सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक अंशी तक पहुंचकर ही रहता है। जल कही भी हो, उसका प्रवाह आखिरकार अपने उद्‌गमस्थल समुद्र में पहुंचे बिना दम नही लेता।

Author Biography

  • विवेक मिश्रा

    शोध छात्र, फैकल्टी ऑफ मैनेजमेन्ट स्टडीज लखनऊ विश्वविद्यालय

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Published

2025-10-10

Issue

Section

Articles

How to Cite

वैदिक यज्ञ संस्कार. (2025). Shodh Patra : International Journal of Multidisciplinary Studies, 2(1), 499-504. https://shodhpatra.in/index.php/files/article/view/74

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