बस्तर मे नल वंश का राजनीतिक इतिहास तथा धार्मिक व सांस्कृतिक आस्थागत प्रवाह

Authors

  • चंद्र प्रकाश यादव Author
  • डॉक्टर महेश कुमार शुक्ल Author

Keywords:

बस्तर, नल वंश , राजनीतिक इतिहास, धार्मिक, सांस्कृतिक

Abstract

यह शोधपत्र बस्तर अंचल में नल वंश के राजनीतिक इतिहास तथा धार्मिक एवं सांस्कृतिक आस्थागत प्रवाह का विश्लेषणात्मक अध्ययन प्रस्तुत करता है। चौथी से छठी शताब्दी के मध्य नल शासकों ने दक्षिण कोशल क्षेत्र विशेषतः बस्तर में एक सशक्त और स्वतंत्र सत्ता स्थापित की जिसके प्रमाण शिलालेखों, मुद्रा-सामग्रियों एवं पुरातात्विक अवशेषों के माध्यम से प्राप्त होते हैं। इस वंश के प्रमुख शासकों, वीर पुरुष नल, भूतनंदिन तथा स्कंदवर्मन ने प्रशासनिक सुव्यवस्था के साथ-साथ शैव धर्म की संस्थागत परंपराओं को सुदृढ़ किया। उन्होंने मंदिर निर्माण, तीर्थ केंद्रों के संरक्षण तथा शैव-धार्मिक संस्कारों को प्रोत्साहन देकर क्षेत्र में धार्मिक सांस्कृतिक चेतना का विस्तार किया। बस्तर की जनजातीय परंपराओं और नल शासन की ब्राह्मणवादी सांस्कृतिक संरचना के मध्य जो अंतःप्रवाही संवाद उत्पन्न हुआ उसने क्षेत्रीय धार्मिक आस्था को एक विशिष्ट स्वरूप प्रदान किया। यह अध्ययन प्राचीन अभिलेखों, साहित्यिक स्रोतों और पुरातात्विक साक्ष्यों के आलोक में बस्तर में नल वंश की ऐतिहासिक उपस्थिति तथा धार्मिक-सांस्कृतिक योगदान को पुनःस्थापित करने का प्रयास करता है।

Author Biographies

  • चंद्र प्रकाश यादव

    शोधार्थी, इतिहास विभाग, डॉक्टर सी.वी. रमन विश्वविद्यालय कोटा, बिलासपुर

  • डॉक्टर महेश कुमार शुक्ल

    प्राध्यापक, इतिहास विभाग, डॉक्टर सी.वी. रमन विश्वविद्यालय कोटा, बिलासपुर (छ.ग.)

Downloads

Published

2025-08-24

Issue

Section

Articles

How to Cite

बस्तर मे नल वंश का राजनीतिक इतिहास तथा धार्मिक व सांस्कृतिक आस्थागत प्रवाह. (2025). Shodh Patra : International Journal of Multidisciplinary Studies, 2(1), 384-395. https://shodhpatra.in/index.php/files/article/view/67

Similar Articles

1-10 of 14

You may also start an advanced similarity search for this article.