अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण हेतु कानूनी उपायों का विश्लेषणात्मक अध्ययन : गुजरात राज्य के विशेष संदर्भ में
Keywords:
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्याचार निवारण, कानूनी उपाय, गुजरात, न्यायिक प्रभावशीलताAbstract
भारतीय संविधान में अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु विशेष प्रावधान किए गए हैं। गुजरात राज्य में इन समुदायों की जनसंख्या लगभग 2.13 करोड़ है, जो राज्य की कुल जनसंख्या का लगभग 21.4% है। प्रस्तुत अध्ययन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 एवं इसके 2015 संशोधन की प्रभावशीलता का विश्लेषण करता है। शोध में गुजरात राज्य के पाँच जिलों - अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट एवं भावनगर से द्वितीयक आंकड़े एकत्रित किए गए हैं। अध्ययन से स्पष्ट होता है कि वर्ष 2018-2022 के मध्य गुजरात में अत्याचार के मामलों में 23% की वृद्धि हुई है, परंतु दोषसिद्धि की दर मात्र 31.2% रही है। न्यायिक प्रक्रिया में विलंब, साक्ष्य संग्रहण की समस्याएं एवं सामाजिक दबाव मुख्य चुनौतियाँ हैं। अध्ययन सुझाता है कि विशेष न्यायालयों की स्थापना, पुलिस प्रशिक्षण में सुधार एवं पीड़ित सहायता तंत्र को मजबूत बनाना आवश्यक है।